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Those who chant my name repetedly, I will protect them always...Sai Baba
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“ॐ साई राम” सभी साई भक्तोंको।
अभी हम सरस्वती जी का जीवन मे बाबा का अथिमुक्य पात्र सुनेंगे उन्ही का बातोमे।
मेरी नाम सरस्वती। में एक डॉक्टर हु। हैडरबाद में इंदिरा पार्क का पास में रहथि हु।मेरी माँ, पिताजी बाबा का भक्त थे।
मुझे बाबा का बारेमे ज्यादा पता नई था। में दुर्गा माता को बहुत पूजा करथि थी। में दुर्गा का द्यान करथि थी।जप भी करथि थी। मेरा घर मे मेरा छोटा भाई को पेहेले शादी हुआ।
मेरी माँ, पिताजी एक बार केशवय्या स्वामीजी का पास गयाथा, मेरा भाई का बछा नई होराहाथा, इसीलिए।ओ मेरा भाई को कब बच्चा होगा बोला, और “तुम्हारा बेटी को बाबा स्वयं देखभाल करेगा” बोला।
उसका बाद मुझे स्वप्न आथा था कि, गुरुस्थान जैसा जागा में बाबा मुझे अपना दो हाथ फैलाके पास में बुलाराहा है। ओ जगा पूरा उजाला से भर गया था।ओ स्वप्न मुझे,बार,बार आथा था।
में सोचरही थी कि मेथो इनका भक्त भी नई हु, मुझे क्यों बुलाराहा है?
उस समय मेरी माँ लोग शिरडी जा रहा था।मुझे भी बुलाया। मेने मना किया।शिरडी नई गयी।
ओ लोग शिरडी से आया,देखा घर मे साई चरित्र पुस्तक था।में ओ बुक लायाथा,क्योंकि उसमें होगा,ओ मुझे क्यों बुलाता है?
में जैसा साई चरित्र खोला, उसमे लिखा है “जिसका कर्मा खतम हो जाता है, उनको में साथ समुद्र का उसपार होनेसेभी, जैसा छोटा सा चिड़िया को पायर में सूथा भान्ध के मेरा ओर खिचलेथा हु” एसा दिखाई दिया।
में तुरंत ओ साई चरित्र को पड़ना शुरू किया। सब समय पड़ता था।
उसदिन रवि वार था। में पारायण खतम किया।उसमे लिखा था कि पारायण खतम होनेका बाद भोग छेड़ानाहै।
में इसको इतना गम्भीर से नई लिया।
में नीचे रसोई घर गया तो, हमारा काम वाली गरम,गरम समोसा बनाराहीथी। में आश्चर्य होगया। ओ थो बोलनेसे भी नई बनाती है, आज बिना बोलके बनारहि है
में पूछा, क्यों बनाया? ओ बोली “आज रवि वार है,तुम लोग सब घर मे हो,थो खायेगा बोलके बनाया” बोली।
में ओ समोसा लेके बाबा का फोटो का साम ने रखा। उसी समय कहासे आया एक चिड़िया, बाबा का फोटो का ऊपर भेट गया, ओ समोसा को पूरा खलिया।खतम किया।
तब से में हर रोज मा दुर्गा का साथ साथ बाबा को भी प्रसाद चडारहीथी।
उस समय मेरा जेठानी का बेटा हमारा घर मे रेहेके पडरहाथा।
ओ मुझे एकदिन बोला” मौसी, हरदिन बाबा का सामने का प्रसाद एक छोटासा चिड़िया आके खखे जारही है” बोला।
मेरा मन मे एक चिन्ता आया कि” में प्रसाद मा दुर्गा के लि ये भी राखथि हु ,वहां से थो कोई निशाना नई आया?
उस दिन,मुझ को, मेरा पति को एकी स्वप्न आया।मुझे आया कि “में मेरी माँ, पिताजी को खाना परोस रही हु, मा बोलरही है की” देखो,तुम जो भी दिया में खा रही हु। और भी दो, तुम्हारा दूसरा बछा भी में ही देखूंगी” एसा बोलरही है।
मेरा पति को स्वप्न में में आया” टेबल का सामने भेट के पूरा खाना में खा रही हु, बाल खोल करके रख,एकदम मोटासा”
मुझे लगा मा दुर्गा भी हमारा प्रसाद खा रही है।
मुझे मा दुर्गा ने बोला” में बाबा को नमस्कार करहा हु,तुम भी करो “तब में बोली,” मा, तुम है ना, और बाबा को क्यो नमस्कार करेगा?”
थो मा ने बोला” गुरु को नमस्कार करना है।रामचंद्र, और कृष्णा भगवान भी उनका गुरु को नमस्कार किया” ये पूरा मेरा स्वप्न था।
“गुरु, भगवान, एक साथ साक्षात्कार होगा तो, पेहेले नमस्कार गुरु को ही करना है।क्योंकि गुरु ही भगवान का साक्षात्कार करासख्त है। और भ्रह्मग्नन भी गुरु ही देगा
“सर्वम साई नाथरपन मस्तु”
Latest Miracles:
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- पीपीलिकादि ब्रह्मा पर्यंतम बाबा ही बाबा है।–Audio
- साईबाबा ने मुझसे सेवा कराके मुझे धन्य किया।–Audio
- बाबा का कृपा से बिना आपरेशन में टिक होगया। – Audio
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One comment on ““गुरुदेव ही भगवान का साक्षत्कार करा सकता है”…Audio”
Nandkishor
June 20, 2020 at 9:27 pmगुरुः ब्रह्मा : गुरु ही ब्रह्मा हैं । गुरुर विष्णु : गुरु ही विष्णु हैं । गुरुर देवो महेश्वरः : गुरु ही महेश्वर यानि शिव हैं । गुरु साक्षात परब्रह्म : परब्रह्म, जोकि सृष्टि रचयिता हैं और सभी देवो में श्रेष्ठ हैं, गुरु उनके समान हैं । तस्मै श्री गुरुवे नमः : हम उन गुरु को हमारा नमन है ।