“पैसा से कोई मतलब नई,हमारा जीवन का आधार है साई नाथ”…Audio



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Those who chant my name repetedly, I will protect them always...Sai Baba



Translation, Typing and voice support by: Mrs. Madhavi


“ॐ साई राम” सभी साई भक्तोंको।आज हम सरस्वती जी का जीवन मे बाबा का लीला सुनेंगे उन्ही का बातोमे।

मेरी छोटी बेटी एक लड़का को पसंद किया था।ओ उसको शादी करना चाहती है। किन्तु दोनोक  जातक बिलकुल मिला नई था।इसीलिए में मना किया था।

मेरी बेटी बोली “में और दूसरा किसीसे शादी नई करेगा, मेरेलिये लड़का नई खोझ ना” बोली।ओ इंग्लैंड चेलीगयीं एक साल पडाय करने केलिए।

में बहुत दुखी हुई ।तब मुझे मेरी बेटी का बचपन मे आया हुआ एक  स्वप्न याद आया।

ओ स्वप्न में देखी, ओ एक मंदिर का नीचे भेटि थी। में  मंदिर का अंधर गयी हु।उस समय बाबा उसका पास आया,बोला कि “आवो बेटी, में तुमको अंदर लेके जाएगा”

ओ बोली “में नई आएगा, मेरी माँ अभी आएगी बाहर को”

थो बाबा बोला “माँ का जरूरत नई है, तुमको मुझसे डर है क्या, में ले जाएगा, आओ”। बोला।

तब मुझे याद आया बचपन का स्वप्न।में संतोषी माँ को बोली “में आप का व्रत रखूंगी, जो दिन उद्यापन होगा, ओ दिन जो भी मेरेसे प्रसाद लेगा, में जातक का बारेमे नई सोच के, मेरी बेटी को वही लड़का का साथ शादी करउंगी।”

बस,व्रत शुरू किया, खतम भी होगया,उद्यापन का दिन में मंदिर गयी।माँ को प्रसाद चढ़ाई।, बस कार का पास आगयी, कोई नई आया, कार में चड़गयीं, तबी कोई नई आया।कार स्टार्ट होनेही वाला था, इसका अंदर में थीन लड़की कार पे छेडगया। शायद स्कूल उसी समय खतम हुआ, ओ लोग प्रसाद लेलिया।ओ थीन लड़की, लक्ष्मी, सरस्वती, पार्वती, बच्चे का रूप में आया बोलके मुझे लगा।

बस, मेरी बेटी का शादी ओ जिस लड़का से प्यार किया, उसी का साथ होगया। कदम, कदम पर बाबा उसको रक्षा कर हा है।

मेरी बड़ी बेटी को सब समय कान से पस निकल था था।दो बार आपरेशन हुआ, फिर भी ठीक नई हुआ।

एक दिन शिव भगवान स्वप्न में आया, बोला कि “में उसका कान ठीक करुगा, मझे थोड़ा अच्छा से बना दो”

क्या बनाना है, मुझे समझ मे नई आया।मुझे लगा ये कोई पूजा पाठ थो नई है, लगा।

मुझे उसका बाद दिन स्वप्न में शिव,पार्वती नृत्य कर हा है। मेने स्वप्न देखा।उसदिन सुबह में मंदिर गयी, ध्यान में भेटि। थो मंदिर का एक आदमी जगन्नाथम आके, मुझे “मेडम,मेडम” बोलके बुलाया।

में उनको बोली, “में बहुत दूर से आके इधर ध्यान में भेटि हु, आप मेरा ध्यान में क्यों बाधा बन रा हा है”?

“मैडम आप से थोड़ा बात करना है, बोलके, वहां का शिवलिंगम का पास लेके गया।शिवलिंगम को सफा किया तो, देखा, उसमे पार्वती माथा का भी मूर्ती है। पूरा ओ अर्धनारिस्वर लिंगम है। (इसीलिए मुझे स्वप्न में आया)किन्तु ओ पूरा टूटा हुआ है।

ओ आदमी मुझे बोला “मैडम आप थोड़ा इसको अच्छे से बना दीजिए”  बोला।तब मुझे समझ मे आया कि बाबा क्यों बोला मुझे, अच्छा से बना दो।

मतलब बाबा बोलराहहै की ओ शिवलिंगम को तुम अच्छे से बनावो।

असल मे,में ओ जगन्नाथम का साथ बहुत गुस्सा से बात किया, “क्यों मेरा ध्यान में आप बाधा बन रहा है? बोलके।”

उसदिन सुबह, में बाबा फ़ोटो का सामने खड़ा था,थो बाबा सीधा मुझे बोलरहा है कि” तुम को बड़ा लोगोंसे बात करना नई आता है”

मतलब ओ शिवा मंदिर जगन्नाथ जी अपना पैसा से, अपना जगा में बनाया। बाबा उनको “बड़ा आदमी” मानता है।

में बाबा का सामने बोली, “बाबा, मुझे अच्छा मार्ग दिखाना”

मेरा बच्चे जब चोटा था, में एक दिन ध्यान में द्वारकामाई बाबा को देखी, बाबा मुझे पूचरहा है कि “तुम, तुम्हरा बछोंको कैसा रखना चाहता है”?

“मुझे पैसा से मतलब नई है, दोनो हर दिन केलिए प्यार से रेहेना चाहिए। “बाबा मेरा पिछे भेट मीरा को देख के पूछा, “मीरा तुम गुरुस्थान में किसको याद करता है’?

में ध्यान से आंख खोलके देखा तो मीरा मेरा पीछे खड़ी है।

में पूछी,”तुम भगवान का सामने क्या श्लोक पड़ते हो?”

ओ बोली “सुकलां, भरदरम विष्णुम “(गणेश जी का),” सर्व मंगल मांगल्ये”(माताजी का) एसा में पूजा करता हु,बोली।”गुरुब्रह्म, गुरु विष्णु” भी पड़ता हु बोली। हमारा घर मे, बहुत गुरु का फोटोज है, ओ समझ नई पायी, कौन गुरु है।

में उसको बोली, “बाबा ही हमारा गुरु है”

मेरा घर मे 8 साल की एक भछि  काम करती है। उसका नाम लक्ष्मी है।

एक दिन में घर मे भजन रखा था। ओ काम वाली आके मेरा साथ भेटगयीं।मे उसको गाली दिया, मेरा बच्चोंको मेरा साथ भिटाय।

उसदिन रात को बाबा फिर मेरा स्वप्न में आया, ओ लक्ष्मी को बुलाया “बेटी लक्ष्मी” बोला।उसको “केला, बिस्क्यूट “सब दिया,मुझे बोला कि”, में उसका दादाजी हु”

में एक नया कार खरीदा।हम उसमे शिरडी जाना चाहता था।मेरा भाई कार चेलायेगा बोला भी।” ओ तुम को रास्ता क्या दिखएगा, में ही दिखावउँग बोला बाबा मुझे।क्योंकि एक बार मेरा भाई शिरडी जा रहा था गलत रास्ता में।तब बाबा ने रास्ता में सोके उसको ठीक रास्ता बथाया।

एसा मेरी जीवन सारा बाबा भरा हुआ है।बाबा को किसी को गाली देनेसे पसंद नई है। ओ हर कस्ट समय मे हमारा साथ ही रहता है।

हर एक का जीवन का आधार है समर्थ सद्गुरु साईनाथ।

“सर्वं साई नाथरपन मास्तु”

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