“में तुम्हारा भला करनेही आया हु”…Audio



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Those who chant my name repetedly, I will protect them always...Sai Baba



Translation, Typing and Voice support by: Mrs. Madhavi


“ॐ साई राम” सभी साई भक्तोंको।आज सरस्वती जी का जीवन मे बाबा मुख्य भूमिका आगे बड़ावूगी उन्हीका बातोमे।

में शिरडी नई जानेसे भी गुरुस्थान मेरा स्वप्न में आथा है ना।

एक बार मे अपना लोगोंका साथ शिरडी जाके वहाका गुरुस्थान देख के आश्चर्य होगया।पूरा में जैसा स्वप्न में देखत हु वैसाही है।

एक दिन मद्यह्न अरथी का समय हमारा परिवार सब लोग परिक्रमा करते थे गुरुस्थान को।मेने भी किया, वहाका बाबा का फोटो का सामने आया  घुमके वहां पर एक स्टूल में बाबा जैसा एक आदमी भेटाथा।उनका उमर होगा पछिस, थीस  होगा।

ओ पूरा बाबा जैसा ही बैठा था। उनका दृस्टि कहा शून्य में आकाश की ओर देखरहा था।

ओ आदमी बाबा जैसा ही भेटा था। एक बात भी नई करहा है किसी का साथ।

अचानक  गुरुस्थान में जो बाबा का पादुका है ना, उसका ऊपर से एक गेड्डू  फूल ले के,मुझे दिया,और बोला की “बाया तरफ सारी का नीचे रखो” बोला।ओ जगा में कोई फूल रखता है क्या?

इसका अंदर में मेरी बेटी आके ओ फूल लेके चेलीगयीं।

ओ बाबा जैसा आदमी और एक फूल दिया।इसबार भी, सारी का नीचे रखो बोला।इसबार मेरी दूसरा बेटी आके लेके चेलीगयीं।

में जब थींन परिक्रमा खतम किया, तब फिर फूल लाके दिया,बोला” किसी को मत दो,तुम्ही ए फूल को तुम्हारा बाय तरफ कमर में,सारी का अंदर रखो” बोला।इसबार में ओ जैसा बोला वैसा ही रखा।

उसका बाद मेरी हाथ पकड़ के उदी स्टैंड का पास लेके गया।मेरी माता में उदी रखा।

और थोड़ा उदी लेके मेरी सारी का अंदर में फूल जहा रखा,वहा ओ खुद उदी लगाना चाहता था।

में उनका हाथ जोर से पकड़ा, बोला में खुद लगावू गा।बोलके, में गुरुस्थान का पीछे जाके लगाया उदी।

मेरा मन मे उनका प्रति संदेह आया, की “शायद ये आदमी ठीक नई”। मेरी आलोचना ओ जान लिया।उनका आंखोमें धुक मेने देखा।ओ बहुत दुखी हुआ।

हम हैडरबाद चेला आया।थींन दिन का बाद, मेरी पेट मे दर्द हुआ। में स्कैनिंग कराया तो,बाय तरफ ओवरिन में एक बड़ा सिस्ट है।

वहा पर ही ओ आदमी उदी लगाया,और फूल रखो बोला।

तब मेरा समझ मे आया कि ओ बाबा मुझे क्यों उदी लगाने केलिए बोला।मुझे बहुत धुक हुआ इसीलिए की बाबा का दया को में पेहेचान नई पाया।जब से शिरडी से आया, मेरा नॉकरी में, मेरा स्वस्त्य में बहुत कस्ट आनेलगा।

हम लोग कुछ दिन का बाद फिर शिरडी गया।उस समय क्या हुआ, कैसा ओ बाबा फिर मिला, सब आप लोगोंका साथ शेयर करूँगी।

मेरा पति, और बेटी द्वारकामाई का सीडी छेडरहाथा, में, मेरा बेटा द्वारकामाई बाहर में ही बैठ गया।

में मन मे सोचा कि “बाबा, उसदिन तुम मेरा पास आनेसे भी में पेहेचान नई पाया, आज भी तुम आवो बाबा” बोलके आंख बंद करके प्रार्थना किया, तब ओ बाबा आके द्वारकामाई अंदर में, मेरा पति को,बच्चोंको आशिर्वाद देरहाथा।

फिर नीचे आके, मेरा हाथ पकड़ के अंदर लेके जारहा है, में तुरंत मेरा बेटा का हाथ पकड़ लिया।द्वारकामाई में बहुत बीड था।तभी ओ आदमी हमे अंदर लेके गया, वहा का मटिया का पानी पिलाया। में उनको नमस्कार करूँगी सोचा। देखा तो उनका  पायर में पूरा कीचड़ भरा हुआ है।

थो में उनको नमस्कार नई करके द्वारकामाई में दूसरा रास्ता से निकलगायी।

फिर मेरा मन में आया कि, “अरे, उनका पायर में खीचड़ होगा तो, मेरा क्या, में तो नमस्कार करसकती हु ना”

बस,तुरंत फिर द्वारकामाई गया, देखा तो कोई लोग नई है,पूरा खाली, एक पुजारी था, उनसे पूछा की” इधर एक बाबा था,ओ कहा गया?”

ओ पुजारी बोला” इधर कोई नई है, बहुत समय से में अकेला ही हु” बोला।सब दो मिनिट में होगया।

“मुझे बाबा दिखाय दिया, तब भी में नमस्कार नई करपाय” बोलके बहुत धुक हुआ।एक सेकंड में सब कुछ बदल गया।

कुछ दिन का बाद मेरी छोटी बेटी को  बहुत जोर से माथा दर्द हुआ।उसी समय मे एक बच्ची को देखा यही बीमारी से।मुझे बहुत डर लगा, “ब्रेन फीवर” है क्या? बोलके।

मेरी बेटी का मू में थोडासा उदी खिलाई,रात सारा उसका साथ उसका माथा में उड़ी लगाते भेट गयी। सोचने लगी कि,जब से हम शिरडी से आया,कुछ भी अच्छा नई होरहा है।

में बेटी का साथ सोया था, बेटी अचानक पूछने लगी की “तुम्हारा नाम क्या है”

में बोली “मेरी नाम सरस्वती”। फिर पूछा।में सोचा बहुत बुखार में ओ इधर, उधर की बात करही है।

दो दिन का बाद ओ मुझे बोली “मा,मुझे बाबा धिखय दिया” में बोला कब?

तब बोली मुझे जब भुखार हुआ था ना, मेरा कटिया का सामने लाल रंग का कफनी पैन के, माथा में लाल कपड़ा बांध के आयथा। हमारा घर मे बाबा फ़ोटो में लाल रंग है।

मेरी बेटी बोलरहीहै की, बाबा पूछा “मीरा,तुम ठीक से पडाय करहीहो?में बोली” हा बाबा, में अच्छा पड़रहीहु”।

में फिर बाबा से पूछा, “तुम्हारा नाम क्या है” तो बाबा बोला “मेरा नाम कल्याण चक्रवर्ती” बोला।

मतलब बाबा बोलरहा है कि “में तुम को अपकार करने नई आया, तुम्हारा कल्याण करने आया हु।”

कल्याण मतलब, जीवात्मा परमात्मा में विलीन होना चाहिए, तभी मनुष्य जन्म का कल्याण होगा।

मेरा आद्यात्मिक प्रयाण में बाबा मेरेसे ज्यादा कस्ट उठारहाहै।

में बाबा को क्या करनेसे ऋण चुकपावउँग।?

“सर्वं साई नाथरपन मस्तु

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One comment on ““में तुम्हारा भला करनेही आया हु”…Audio

Nandkishor

🌹🙏OM SAIRAM 🙏 🌹

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