“करुणा निधान है साई नाथ”….Audio



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Those who chant my name repetedly, I will protect them always...Sai Baba



Translation, Typing and Voice support by: Mrs. T V Madhavi


“ॐ साई राम” सभी साई भक्तोंको। अभी हम विजयलक्ष्मी जी का जीवन मे बाबा का कृपा किस रूप में आया सुनेंगे उन्ही का बातोमे।

एक बार दसरा पर्व में बाबा का नाटक करने केलिए में तैयार होगया।बाबा का मंदिर का पास ओ नाटक चेलरहा था।एक बुड्डा आदमी बाबा का रोल करहा था।मुझे लक्ष्मी बाई का पात्रा दिया करने केलिए।

ओ नाटक में कुछ पद्य, और गाना भी था।मुझे नाटक में पात्र पोषण करते,करते चालीस साल भीत गया।

हम लोग रहता था सनथ नगर में, नाटक था मल्काजी गिरी मंदिर का पास।कल नाटक का दिन था।

में उसदिन बातरूम में गिरगाय। ज्यादा घायल नई हुआ। किन्तु मेंरा दाया हाथ कलाय में बहुत दर्द होरहा है।में कुछ दवाई खालिया। किन्तु दर्द गया नई।

एसा हाथ दर्द में कैसा में नाटक में पात्र पोषण करूंगी?

सुभे हुआ। ओ नाटक में बाबा का पात्र में जो आदमी है उनका नाम प्रसाद है।ओ आदमी एक ऑटो भेजा घर को मुझे बुलाने केलिए।

में ऑटो वाला को बोला, “मेरा हाथ मे बहुत दर्द है, मेरा तबियत भी खराब है, में नाटक में लक्ष्मी बाई पात्र नई करसकता हु आज, उनको ई बात बोलडो” बोलके उसको वापस भेजा।

ओ ऑटो वाला एक घंटा का बाद फिर आया,बोला “मेडम, प्रसाद जी आप को जैसा भी हो, साथ मे लाने केलिए बोला” आप आइये। बोलरहा है।

में ऑटो वाला से बोला “तुम तो मुझे देखा, उनको बोला नई, मेरा हाथ खराब है बोलके”

ओ बोला “में बताया,ओ बोला, हाथ खराब होनेसे कुछ नई होगा, उनका पायर,आवाज ठीक है तो, ओ  चेल पाएगी, गाना गा पाएगी, आनेकेलिया बोलो” एसा बोलके मुझे फिर भेजा। बोला।

में सोचा, ए आदमी तो छोड़ने वाला नई है, बोलके तैयार होक ऑटो में बैठ के गयी।

ऑटो मल्काजी गिरी में प्रसाद जी का घर का पास रुका। में प्रसाद जी को बोला” में ये नाटक  कैसा करूंगी,हाथ मे दर्द है, ई हाथ से में बाबा को नमस्कार भी करना है, कैसा करेगा चाचा” बोली हु।

“एसा बोल ने से कैसे होगा, ओ मंदिर वाला सब को बुलालिया,पाम्पलेट भी छपाया, थो हम को नाटक करना होगा “बोला
फिर मुझे उनका घर मे जो बड़ा साइज का बाबा का मूर्ती का पास लेके गया” क्या बाबा,उसको एसा गिराया, देखो ओ कितना कस्ट में है, तुम्हारा नाटक में ओ लक्ष्मीबाई पात्र करहीहै, उसका हाथ ठीक करो, अभी, ऐसी वक्त” बोला बाबा से।

उदी निकाला, मेरा हाथ मे लगाया, उनका पत्नी को बोला “देखो, उसको लक्ष्मी बाई जैसा तय्यार करो” बोलके चेलागया।

ओ ओरत मुझे पूरा तय्यार किया। मेरी मुँह साफा किया, मेरा बाल सजाया, सारी पैनाय, पूरा तय्यार किया मुझे।

बस,नाटक शुरू हुआ, सब कोई अपना,अपना पात्र में लीन होगया, अभी मेरी बारी आया,में सब गाना गाया, पद्य पाट किया, अभी बाबा को नमस्कार करना है, में पूरा अच्छा से बाबा का दो पायर को ,मेरी दो हाथ से नमस्कार किया, कोई कस्ट नई हुआ।बस, नाटक खतम हुआ। में नीचे चेला आया।

तब प्रसाद जी पूछा “क्या हुआ तेरा हाथ को, अभी ठीक है कि नई”

तब में मेरी हाथ को देख के आश्चर्य हुआ, ओ पूरा ठीक होगया।

तब मुझे बाबा से पूर्ण विस्वास होगया।मेरा आंख में पानी गिरता है बाबा का नाम मात्र से।बाबा को कितना दया  है अपना भक्तोंसे।

“सर्वम साई नाथरपन मस्तु”

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Satcharitra (Telugu Audio) by RCM Raju

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